हिंदी व्याकरण क्रिया
क्रियावाचक शब्द को क्रिया कहते है। क्रिया के बिना वाक्य अधूरा होता है।
क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं। धातु को प्रत्यय जोड़कर क्रिया के अन्य रूप बनाए जाते हैं।
जैसे - गा ,जा, हंस, लिख
क्रिया के भेद - सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया- क्रिया के कार्य का फल कर्म पर पड़ता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। कर्म की आवश्यकता होती है।
उदाहरण- शिफा पुस्तक पढ़ रही है।
क्रिया को किसको ,किससे, क्या लगाने से मिलने वाला उत्तर कर्म होता है।
कर्म - पुस्तक
सकर्मक क्रिया के भेद-
एककर्मक क्रिया और द्विकर्मक क्रिया
एककर्मक क्रिया-
एक कर्म होता है।
उदाहरण - श्रेयस आम खाता है।
द्विकर्मक क्रिया-
दो कर्म होते हैं।
उदाहरण - श्रेयस ने मुझे आम दिया।
अकर्मक क्रिया-
वाक्य मे क्रिया के साथ कर्म नही होता है, या जिस क्रिया के कार्य का फल सीधे कर्ता पर होता है, उसे अकर्मक क्रिया कहते है ।
उदाहरण - श्रेयस पढ़ रहा है।
प्रयोग के आधार पर क्रिया के भेद-
१)सामान्य क्रिया २) संयुक्त क्रिया ३) नामधातु क्रिया ४) पूर्वकालिक क्रियाएँ ५) प्रेरणार्थक क्रियाएँ
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